
क्रिकेट के एक ओवर में 6 गेंदें ही क्यों होती हैं?
क्रिकेट खेलना बहुत से लोगों को पसंद होता है और यह एक ऐसा खेल है जो भारतीयों में बेहद लोकप्रिय है. केवल यही नहीं बल्कि लोग हर काम छोड़कर टीवी के आगे चिपक जाते हैं जैसे ही क्रिकेट शुरू होने वाला होता है. वैसे आप सभी ने देखा होगा इंटरनेशनल क्रिकेट में हर ओवर में सिर्फ़ 6 गेंदें ही होती हैं लेकिन क्या आपने सोचा है ऐसा क्यों ...?
अगर हाँ और आप जवाब नहीं जानते तो हम आपको बताते हैं. जी दरअसल, क्रिकेट में साल 1889 तक एक ओवर में छह नहीं बल्कि चार गेंदें ही फेंकी जाती थीं. ऐसा इसलिए क्योंकि न तो बॉलर को अच्छी लय मिल पाती थी और न ही बैट्समैन को बॉलर को समझने का मौक़ा मिलता था.
इसी के चलते क्रिकेट काफी आनंदमय होता था. उस समय बहुत ज़्यादा बड़ा स्कोर नहीं बनता था और दर्शक भी इस तरह के मैच को देखकर बोर हो जाते थे. ऐसा होने से साल 1889 से क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए गए.
उसके बाद एक ओवर में गेंदों की संख्या 4 से बढ़ाकर 5 पांच कर दी गई. यह होने के बाद भी मजा नहीं आ रहा था. इसी के चलते साल 1900 में एक ओवर में 6 गेंदें फेंकने का नियम बना, लेकिन इस बीच कुछ देशों ने एक ओवर में 8 गेंद फ़ेंकने का नियम भी बना दिया.
यह सब देखते हुए कई देशों में दो सालों के लिए एक ओवर में आठ बॉल का एक्पेरिमेंट किया, लेकिन यह भी सालभर ही चल पाया. उसके बाद ICC के नियमों ने लंबे समय तक 6 और 8 गेंद फ़ेंकने की सुविधा दी. हालाँकि देखते ही देखते एक ओवर में 6 गेंदे के नियम को स्थायी बना दिया गया.