
आखिर क्यों होते हैं बादल सफेद और नीली, जानते हैं आप?
बादल का रंग वैसे तो नीला है लेकिन कभी वह काले और सफेद रंग के दिखाई देते हैं. तो आज हम आपको इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों?
कहा जाता है बादलों में मौजूद पानी की बूंदे या महीन कणें सूर्य से निकलने वाली किरणों को रिफ्लेक्ट कर देती हैं. जी दरअसल वह किरणों को वापस भेज देती हैं और ऐसा करने से केवल सफेद रंग बचता है. वहीं बादल सूर्य से निकलने वाली सफेद किरणों को अवशोषित कर लेते हैं, इस वजह से हमें बादल का रंग सफेद दिखता है.
जी दरअसल बादलों में बर्फ या पानी की बूंदे होती हैं, और वह सूर्य से निकलने वाली किरणों के वेवलेंथ से बड़ी होती हैं. ऐसे में जैसे ही सूर्य की किरणें इन पर पड़ती हैं, वह इन्हें रिफ्लेक्ट कर देती हैं और बादल हमें सफेद दिखने लगता है. इसके ठीक विपरीत प्रक्रिया होने पर बादल हमें काले दिखते हैं. इसका मतलब है कि जब बादल में पानी की बूंदें सभी रंगों को अवशोषित कर लेती हैं तो बादलों का रंग काला नजर आता है.
वहीं पृथ्वी पर प्राकृतिक रोशनी का स्रोत सूर्य है और सूरज की किरणों का रंग सफेद होता है. ऐसे में सफेद रंग से स्पेक्ट्रम के विभिन्न रंगों की उत्पत्ति होती है. वहीं अगर हम प्रिज्म की सहायता से देखे तो यह पता चलता है कि सूर्य के सफेद रंग की किरणें लाल, नारंगी, नीला, पीला, हरा, जामुनी और बैगनी रंग. ऐसे में जब सूर्य से आने वाली किरणें पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करती हैं तो असंख्य कणों और अणुओं से टकराती हैं. इस दौरान सूर्य का प्राकृतिक रंग सफेद टकराकर अलग-अलग प्रकाश के रंगों में बिखर जाता है. वहीं प्रकाश के रंगों में नीले रंग के फैलने की क्षमता सबसे अधिक होती है और इसी के चलते आसमान नीले रंग का दिखता है.