
संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य को भली-भांति जाते है. इसमे से एक भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री “इंदिरा गांधी” है, जो अपने राजनीतिक जीवन में सबसे अच्छी राजनीतिज्ञ बनी लेकिन वह एक अच्छी माँ नहीं बन पाई. इंदिरा भारतीय राजनीति की सबसे ज्यादा सफल और प्रभावशाली हस्ती रही. इंदिरा ने अपने काल मे अनेक अच्छे कार्य तो किये ही साथ ही ग़रीबों को भी अच्छी तरह विकसित किया.
यह गाँधी के नक्शे कदम पर चलकर भारत को एक नई मिशाल बनकर दिखाना चाहती थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया. सत्ता के प्रति अधिक लोभ में वह राजनीति के सभी तौर तरीकों को भूलती चली गयी. वह अपने बेबाक फैसलों से उस समय की सबसे खतरनाक और आदरणीय महिला बनीं. इंदिरा गांधी का सारा जीवन उसकी कार्य शैली में पूरी तरह से व्यस्त हो गया था. कहने को तो वह बहुत ही अच्छी राजनीतिज्ञ थी लेकिन उनमें भी कुछ खामियां थी जो उन्हें आगे नही बढ़ने दे रही थी. हजारों गौरवांवित अनुभवों के होने कारण भी वह अशोभनीय और अभद्र रूप का मुखोटा पहने हुए थीं.
संजय गांधी की हत्या
संजय गांधी की हत्या जो कि इनकी एक सोची समझी साजिश थी. इस हत्या का सारा इल्जाम इंदरा पर ही लगाया जाता है. सन 1975 में एक अंग्रेजी अखबार ने खुलासा किया है कि इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी की हत्या करने के लिए तीन बार कोशिश की गई जो कि उस समय असफल रही थी अंग्रेजी अखबार के मुताबिक़ इसके पीछे उनकी माँ प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया गया था. जिस पर उस समय किसी ने ध्यान नहीं दिया. मेनका गांधी से शादी होने के बाद संजय के लिए विवादों का बखेड़ा खड़ा हो गया था जिसमें वो पूरी तरह फंस गए थे.
सफदरजंग हवाई अड्डा जो कि आज दिल्ली में है, वहाँ पर एक उड़ान क्लब है जो कि वहाँ हवाई जहाज चलाना सिखाते है, यही पर ही संजय गांधी ने हवाई जहाज को उड़ाने के नियम सीखे थे. बस उनकी सबसे बड़ी गलती थी कि वो कभी कभार ख़ुद ही हवाई उड़ान पर चले जाते थे. संजय ने 19 जून 1980 को उड़ान भरी थी जिसमें वो पूरी से सीख चुके थे. इस दिन ही इनकी माँ इनसे मिलने आई थी लेकिन संजय को कहा मालूम था कि ये उनकी माँ के साथ आख़िरी मुलाकात है.
23 जून एक सुबह संजय गाँधी
23 जून एक सुबह संजय गाँधी उड़ान भरने के लिए तैयार हो गए थे और हेलीपैड पर जाने लगे. उन्हें पता तक नहीं था कि आज का दिन उनके लिए आखिरी दिन है. 23 जून 1980 को दोपहर के 3:45 मिनट पर संजय गाँधी का हेलीकॉप्टर अनियंत्रित हो गया और जमीन से टकरा गया. जिसमें संजय की मौत हो गयी. उनका हेलीकॉप्टर पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया. संजय के साथ बैठा एक व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो था.
जब यह खबर उनकी माँ इन्दिरा गाँधी को मिली तो उनकी प्रतिक्रिया बहुत ही निराशाजनक तो नहीं थी लेकिन वह खुद बहुत दुःखी जता रही थी. संजय गांधी की साजिश करने में अमेरिका की एक संस्था सी.आई.ए. का हाथ बताया गया था. बताया जाता कि इन्दिरा गाँधी संजय के पास से एक चाबी का गुच्छा और संजय गांधी की एक डायरी लेकर वहाँ से आ गयी थी. इस बात से लगता है कि संजय की मौत के पीछे इन्दिरा गाँधी का हाथ था. इन्दिरा को उनके हर कार्यक्रम की जानकारी होती है. जिसकी बदोलत वह उसको मारने में कामयाब हुई.
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