
एक ऐसा पिता जिसने अपने मृत बेटी को कर दिया दुनिया भर में मशहूर, जाने कैसे ?
एक पिता जिसने अपने मृत बेटी को कर दिया दुनिया भर में मशहूर, जमशेदपुर में भी ग्रुप की कंपनी JamshedpurNews Nirma KarsanBhaiPatel
करसन भाई पटेल की जीवटता को सलाम कीजिए जिन्होंने अपने मृत बेटी का नाम दुनिया में वह रोशन कर दिया। वह नाम है निरमा। दूरदर्शन के जमाने में आपने निरमा वाशिंग पाउडर का खूब प्रचार देखा होगा। आज उनकी कहानी भी जान लीजिए…
कहते हैं न यदि किसी ने कुछ करने की ठान ली तो कड़ी मेहनत से वह उसे पा ही लेता है। आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे पिता की जिन्होंने अपने मृत बेटी को पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया। हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो अपने सपने को सच करने के लिए सरकारी नौकरी छोड़कर साइकिल में घर-घर जाकर अपना उत्पाद बेचना शुरू किया। आज इनका नाम देश के अरबपतियों में शुमार है। जमशेदपुर में भी इस ग्रुप की कंपनी संचालित है और यह समूह देश भर में 18 हजार लोगों को रोजगार दे रही है। कंपनी का टर्नओवर भी 70,000 करोड़ टन हो गया है।
सबकी पसंद है निरमा 90 के दशक में जब रामायण आते थे तब आपने अक्सर एक विज्ञापन देखा होगा। हेमा, रेखा, जया और सुषमा, सबकी पसंद निरमा…। कुछ याद आया। इस विज्ञापन के पीछे एक व्यक्ति का हाथ है और वो हम निरमा कंपनी के मालिक करसन भाई पटेल। गुजरात के मेहसाणा गांव में जन्मे करसन भाई के पिता खोड़ी दास पटेल बेहद साधारण इंसान थे। लेकिन उन्होंने अपने बेटे करसन को रसायन शास्त्र में स्नातक करवाया। पढ़ाई के बाद गुजरात के अन्य लोगों की तरह करसन भाई भी अपना खुद का व्यापार करना चाहते थे लेकिन परिवार की माली हालत इतनी नहीं थी कि खुद का व्यवसाय शुरू करें। ऐसे में उन्होंने एक लैब में असिस्टेंट की नौकरी कर ली। बाद में गुजरात सरकार के खनन एवं भूविज्ञान विभाग में इन्हें सरकारी नौकरी मिल गई।
यह भी पढ़ेंएक हादसा और बदल गई जिंदगीसरकारी नौकरी मिलने के बाद करसन भाई अपने परिवार के साथ खुश जरूर थे लेकिन संतुष्ट नहीं थे। कुछ अलग करने की ख्वाहिश उनके मन में दबी हुई थी। तभी एक घटना घटी, उनकी बेटी की एक हादसे में मौत हो गई। इस घटना ने करसन भाई पटेल को अंदर से तोड़ दिया। वे चाहते थे कि उनकी बेटी बड़ी होकर अपना नाम रोशन करे। लेकिन बेटी के इस काम को उसके पिता ने पूरा किया।
यह भी पढ़ेंइस तरह से शुरू की कंपनीकरसन की बेटी का नाम निरुपमा था जिसे सभी प्यार से निरमा बुलाते थे। करसन ने अपनी इसी मृत बेटी के नाम को जीवित रखने के लिए एक कंपनी की शुरूआत की। वर्ष 1969 में करसन ने अपने घर के पीछे ही वाशिंग पाउडर बनाना शुरू किया। साइंस में स्नातक पास करसन के लिए यह इतना कठिन नहीं था। उन्होंने सोडा ऐश के साथ कुछ रसायन मिलाया और पीले रंग के पाउडर के साथ उनका फार्मूला बन गया। अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए उन्होंने साइकिल से घर-घर जाकर अपने उत्पाद को बेचने लगे। लेकिन जब डिमांड बढ़ने लगे तो सरकारी नौकरी और खुद का व्यापार एक साथ होना संभव नहीं था। ऐसे में करसन भाई ने सरकारी नौकरी छोड़ने का जोखिम उठाया, जो उस दौर में आसान नहीं था लेकिन करसन भाई को अपने फार्मूले पर पूरा भरोसा था।
यह भी पढ़ेंमध्यमवर्गीय परिवार के बजट में नहीं था सर्फउस दौर में देश में तब हिंदुस्तान लीवर या विदेशी कंपनियों के ही सर्फ बाजार में बिकते थे जो उस समय 13 रुपये प्रति किलोग्राम हुआ करते थे। जो मध्यमवर्गीय परिवार के बजट में नहीं था। ऐसे में लोग साधारण साबुनों से अपने कपड़े धोथे थे लेकिन इससे हाथ खराब होने का डर रहता था। तब करसन भाई ने मात्र तीन रुपये किलो में अपना निरमा सर्फ बेचना शुरू किया। जो विदेशी कंपनियों के सर्फ से चार गुणा से भी ज्यादा कम था। इसके साथ ही करसन भाई लोगों को गारंटी दी कि यदि कपड़े साफ नहीं हुए तो वे पैसे भी वापस कर देंगे। ऐसे में लोगों ने इसे हाथो-हाथ लिया।
यह भी पढ़ेंटीवी में दिया विज्ञापनकरसन भाई का व्यापार जब चल पड़ा तो वे इसे केवल मेहसाणा तक ही नहीं सीमित रखना चाहते थे। वे अपनी बेटी का नाम पुरी दुनिया में फैलाना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने निरमा का विज्ञापन टीवी पर दिया और वह हिट हो गया। देखते ही देखते यह मध्यमवर्गीय परिवार की पहली पसंद बन गया।
मार्केट कैप्चर करने को अपनाई ये तकनीककरसन भाई का उत्पाद जब टीवी के माध्यम से जिंगल, सबकी पसंद निरमा, पूरे देश में छाया तो स्थानीय बाजारों में निरमा सर्फ खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ लग गई। तब मार्केट कैप्चर करने के लिए करसन भाई ने नया तरीका अपनाया। बाजार में मांग के हिसाब से करसन भाई को अपने उत्पाद की सप्लाई बढ़ानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अपनी मार्केट स्ट्रेटर्जी से 90 प्रतिशत स्टॉक वापस ले लिए।
एक माह तक ग्राहक केवल निरमा के विज्ञापन देखते और बाजार में सर्फ की डिमांड करते, जो उन्हें नहीं मिलता। ऐसे में देश भर के थोक और खुदरा व्यापारी करसन भाई से निरमा की आपूर्ति करने का आग्रह किया। तब जाकर उन्होंने मार्केट में आई मांग का फायदा उठाते हुए सप्लाई शुरू की। नतीजन निरमा देश का सबसे बड़ा ब्रांड बना और अपने सभी प्रतिद्वंदियों को पछाड़ दिया। साथ ही अपनी बेटी का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध कर दिया।
यह भी पढ़ेंदुनिया के 775 वें धनी व्यक्तिफोर्ब्स पत्रिका के अनुसार करसन भाई पटेल की कुल संपत्ति 4.1 बिलियन डॉलर है। दुनिया में धनवानों की सूची में उनका स्थान 775 वां है जबकि भारत में धनाढ़य की सूची में वे 39 वें स्थान पर है।जमशेदपुर में भी निरमा की कंपनी
यह भी पढ़ेंआपको बता दें कि निरमा ग्रुप ऑफ कंपनीज की एक कंपनी विस्टार्स कॉर्प लिमिटेड के नाम से एक सीमेंट कंपनी है। क्योंकि निरमा उद्योग के बाद कंपनी ने दूसरे व्यापार में भी हाथ आजमाए। आज निरमा ग्रुप ऑफ कंपनीज रेडी टू यूज वाले क्रांकिट सीमेंट का भी उत्पादन करती है।
Матеріали на тему
Переглянути всіअगर आपके पास 786 नंबर की सीरीज वाला कोई भी करेंसी नोट हो तो कमा सकते हैं लाखों, एक दिन में बदल सकती है तकदीर, सिर्फ करना होगा ये काम..
Пятница, 30 июля
1 अगस्त से बदल जाएंगे नियम, जानिए LPG के दामों को लेकर क्या है अपडेट, बैंक की कई सेवाएं भी हो जाएगी महंगी, पढ़िए पूरी खबर…
Пятница, 30 июля
घर की इस जगह पर भूलकर भी ना रखें तुलसी का पौधा, होता है अशुभ प्रभाव..
Четверг, 29 июля